आखिर पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपना जलवा कायम रखा। अब कोई कितना भी विश्लेषण क्यों न करे, कितना ही आरोप-प्रत्यारोप क्यों न लगाए, जीत तो जीत ही है, चाहे वह एक मत से ही क्यों न हुई हो। दूसरी बात यह भी कि हारने वाले ने भी तो मेहनत की थी। स्वाभाविक है, वह अपनी हार से बिलबिलाएगा ही। हर चुनाव में ऐसा होता है। इतिहास इसका गवाह है। भविष्य में भी ऐसा होगा। चार राज्यों में भाजपा ने अपने शासन को बरकरार रखा। पंजाब तो पहले भी भाजपा का नहीं था, इस बार भी नही हुआ और ‘आप’ जैसी नई पार्टी ने दिल्ली की तरह सत्तारूढ़ कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया।