नई दिल्ली। कोरोना के साथ दुनियाभर में मंकीपॉक्स का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। वर्ल्ड हेल्थ नेटवर्क (WHN) ने मंकीपॉक्स को भी कोरोना की तरह महामारी घोषित कर दिया है।डेटा के मुताबिक अब तक 58 देशों में 3,417 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। इसका पहला केस ब्रिटेन में मिला था। आपको बता दे मंकीपॉक्स आउटब्रेक की शुरुआत में WHO ने आशंका जताई थी कि शायद यह वायरस सेक्सुअल कॉन्टैक्ट के जरिए MSM पुरुषों में फैल रहा है, जिसके बाद यूरोप में हुई एक रिसर्च में भी इस बात के सबूत भी मिले थे। MSM पुरुष वे पुरुष हैं जो पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाते हैं। तो वही रिसर्च के मुताबिक, इटली में पाए गए मंकीपॉक्स के 4 मरीजों के सीमेन में मंकीपॉक्स वायरस पाया गया। ये सभी MSM पुरुष हैं। जहां 3 मरीज स्पेन में हुई रेव पार्टी में गए थे, वहीं चौथे ने सेक्स वर्क के लिए यात्रा की थी। बता दें कि दुनियाभर में सामने आ रहे मामलों में ज्यादातर पुरुषों के प्राइवेट पार्ट्स में ही मवाद से भरे दाने उठ रहे हैं, जो कि इस बीमारी का मुख्य लक्षण है।
मंकीपॉक्स यूरोप समेत कई महाद्वीपों में फैल चुका है। ब्रिटेन में अब तक तकरीबन 800 मामले सामने आ चुके हैं, जिसके बाद इसे बीमारी का एपिसेंटर माना जा रहा है। यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (UKHSA) की मानें तो ब्रिटेन में केवल 5 दिन में मंकीपॉक्स के मामलों में 40% इजाफा हुआ। जहां 16 जून तक 574 केसेज रिकॉर्ड किए गए थे, वहीं 20 जून तक आंकड़ा बढ़कर 793 हो गया। ब्रिटेन के बाद स्पेन, जर्मनी और पुर्तगाल में मंकीपॉक्स के सबसे ज्यादा मामले हैं। बीमारी से अब तक एक मरीज की मौत हुई है। फिलहाल भारत में इसका एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है।
मंकीपॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित करना चाहिए या नहीं, इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की भी बैठक हुई। वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, WHO अधिकारी जल्द यह फैसला ले सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो दुनियाभर की सरकारों को मंकीपॉक्स के संक्रमण से बचने के लिए एक्शन लेना होगा। तो वही WHN एक ऐसा नेटवर्क है, जिससे कई देशों के सैंकड़ों वैज्ञानिक और हेल्थ एक्सपर्ट्स जुड़े हैं। यह ग्लोबल, नेशनल और लोकल लेवल पर महामारी को पहचानकर उसके सॉल्यूशन पर काम करता है। साथ ही WHN ने अपने बयान में WHO से मंकीपॉक्स पर ग्लोबल एक्शन लेने की मांग की है। नेटवर्क का कहना है कि दुनिया को इस संक्रमण से बचाने का यही सही समय है।