भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने कहा कि डॉ. भीमराव आंबेडकर (Dr BR Ambedkar) सिर्फ दलित समुदाय के नेता नहीं हैं, बल्कि उन पर पूरे देश का अधिकार है. 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर सुप्रीम कोर्ट में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीजेआई ने कहा कि डॉ. आंबेडकर ने सामाजिक न्याय के लिए जिस तरीके से लोगों को संगठित करने का अथक प्रयास किया, वह अद्वितीय है. सुप्रीम कोर्ट परिसर में डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण करते हुए सीजेआई ने कहा, ‘डॉ. आंबेडकर सबके हैं. वह (सिर्फ) अछूतों के नेता नहीं हैं, वह पूरे राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्होंने सामाजिक न्याय के लिए जिस तरह लोगों को एकजुट करने का प्रयास किया…सामाजिक न्याय केवल हाशिये के लोगों तक सीमित नहीं है CJI ने डॉ. अंबेडर की मुख्यधारा के साथ पहचान और इसमें सुधार के प्रयासों को रेखांकित करते हुए कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट में आंबेडकर की मूर्ति समानता, स्वतंत्रता और भाईचारे के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रतीक है..’ सीजेआई ने कहा, “उन्होंने (डॉ. आंबेडकर ने) खुद को मुख्यधारा के हिस्से के रूप में पहचाना और इसे सुधारने का प्रयास किया. यह प्रतिमा स्वतंत्रता और भाईचारे के साथ समानता की स्थायी भावना का प्रतिनिधित्व करती है.”