इजरायल और हमास जंग पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पहली प्रतिक्रिया आई है. जिनपिंग ने कहा कि चीन चाहता है कि जल्द से जल्द इजरायल-हमास युद्ध को रोका जाए. इतना ही नहीं जिनपिंग ने हमास और इजरायल के बीच मध्यस्थता की भी पेशकश की.जिनपिंग ने कहा, चीन संघर्ष के स्थायी समाधान के लिए अरब सरकारों के साथ काम करने को इच्छुक है. उन्होंने कहा कि संघर्ष को बढ़ने से रोकने के लिए जल्द से जल्द युद्धविराम जरूरी है.
हमास और इजरायल में जारी है जंग
7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हजारों रॉकेट दागे थे. इतना ही नहीं हमास के लड़ाकों ने इजरायल में घुसकर लोगों पर हमला कर दिया था. हमास के हमलों में इजरायल में 1400 लोग मारे गए हैं. इजरायल जवाबी कार्रवाई में गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर रहा है. इसके जवाब में गाजा पट्टी से हमास और लेबनान से हिज्बुल्लाह हमास के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर रहा है. इजरायल के हमलों में 3500 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं. जबकि 13 हजार से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं.
चीन ने इजरायल और हमास की लड़ाई पर क्या कहा था?
इससे पहले चीन ने इजरायल और हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद अपने आधिकारिक बयान में फिलस्तीन और इजरायल से युद्ध को तुरंत खत्म करने की अपील की थी. बीजिंग की ओर से कहा गया था कि दोनों देश संयम बरतते हुए हालात और बिगाड़ने से बचें. इसके साथ ही चीन ने नागरिकों की रक्षा के लिए शांति बहाल करने के लिए कहा था.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के बीच भीषण संघर्ष पर सवालों के जवाब में कहा था कि गाजा पट्टी में दोनों पक्षों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ.
इजरायल ने जताई थी नाराजगी
उधर, इजरायल ने चीन के बयानों और मीडिया रिपोर्टों पर निराशा व्यक्त की थी. इजरायल की ओर से कहा गया था कि चीन की रिपोर्ट्स में आतंकवादी संगठन हमास द्वारा निर्दोष नागरिकों के खिलाफ किए गए आतंकवादी हमलों और क्रूर नरसंहारों के साथ-साथ गाजा पट्टी में दर्जनों लोगों के अपहरण की कोई स्पष्ट निंदा नहीं थी.
इजरायल के राजदूत रफी हरपाज ने कहा था, चीन के बयान में इजरायल के अपनी और अपने नागरिकों की रक्षा करने के अधिकार का कोई उल्लेख है, जो मानव समाज के लिए अभूतपूर्व और असहनीय क्रूर हमले के सामने किसी भी संप्रभु राज्य का मौलिक अधिकार है.