केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और इसरो अध्यक्ष डॉ. श्रीधर पणिक्कर सोमनाथ ने मंगलवार, 17 अक्टूबर को मिशन चंद्रयान-3 पर स्कूली छात्रों के लिए विकसित वेब पोर्टल ‘अपना चंद्रयान’ लॉन्च किया। जिसमें मिशन चंद्रयान-3 पर स्कूली छात्रों के लिए गतिविधि-आधारित सहायता सामग्री जैसे कि क्विज़, पहेलियां आदि उपलब्ध हैं। इसे शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (डीओएसईएल) के तत्वावधान में एनसीईआरटी द्वारा विकसित किया गया है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान ने चंद्रयान-3 की सफलता को 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक बताया हैं। चंद्रयान-3 की सफलता ने देश के बच्चों को सबसे अधिक प्रेरित किया है। उन्होंने छात्रों से 21 अक्टूबर को सुबह 8 बजे गगनयान के प्रक्षेपण को देखने का अनुरोध किया।
धर्मेंद्र प्रधान ने चंद्रयान-3 पर आधारित 10 विशेष मॉड्यूल भी जारी करते हुए इन्हें सभी कक्षाओं के लिए वैकल्पिक बनाने का सुझाव दिया। यह सभी मॉड्यूल चंद्र मिशन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं। इसमें स्कूली छात्रों के लिए क्विज़, पहेलियां जैसी गतिविधि आधारित सहायता सामग्री है।
उन्होंने छात्रों के बीच स्व-शिक्षा की सुविधा प्रदान करने और उसे अधिक सुलभ बनाने के लिए इस वेब पोर्टल का एपीपी विकसित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 ने छात्रों में आत्मविश्वास जगाया है और उन्हें प्रौद्योगिकी को समझने के लिए प्रेरित किया है, जिससे उनमें वैज्ञानिक चेतना विकसित करने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने छात्रों को प्रेरित करने और उन्हें आत्मविश्वास से लैस करने के लिए डॉ. सोमनाथ को धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने डॉ. सोमनाथ से चंद्रयान 3 की कहानियों को देश के बच्चों तक पहुंचाने का अनुरोध किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा डॉ. सोमनाथ को सौंपे गए कार्यों के बारे में भी विस्तार से बताया, जिसमें कक्षीय अंतरिक्ष केन्द्र की स्थापना, अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण वाहनों का विकास आदि शामिल हैं। उन्होंने उनसे छात्रों के लिए विज्ञान को मनोरंजक बनाने का भी आग्रह किया।
प्रधान ने मॉड्यूल को सभी कक्षाओं के लिए वैकल्पिक बनाने सुझाव देते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण, कोविड-19 टीकाकरण, जी20 की भारत की अध्यक्षता आदि सहित 14 विभिन्न विषयों पर और भी मॉड्यूल तैयार किए जायेंगे। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत वैश्विक कल्याण के लिए ज्ञान साझा करने वाला विश्व गुरु बनेगा।
बच्चों को संबोधित करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने स्वदेशी प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके चंद्रयान 3 मिशन को पूरा किया। उन्होंने छात्रों से 21 अक्टूबर 2023 को सुबह 0800 बजे गगनयान के प्रक्षेपण को देखने का अनुरोध किया। उन्होंने युवा प्रतिभाओं को आलोचनात्मक सोच को अपनाकर शोधकर्ता बनने के लिए प्रेरित किया।